अपराजिता : कक्षा 8 प्रज्ञा पाठ 5

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अपराजिता (Aprajita)

Exercise ( अभ्यास )
विचार और कल्पना :

प्रश्न ( 1 ) : चलती ट्रेन में चढ़ने से लखनऊ के युवक का हाथ कट गया | रेलवे प्लेटफार्म पर कुछ निर्देश लिखे होते हैं , जैसे –

(क) चलती ट्रेन में न चढ़ें न उतरें |

(ख) रेलवे आपकी संपत्ति है इसकी रक्षा करें |

(ग) सावधानी हटी, दुर्घटना घटी |

(घ) ज्वलनशील पदार्थों को लेकर यात्रा न करें |

इन निर्देशों का मतलब बताइये | यह भी कि इन निर्देशों का पालन क्यों करना चाहिए ?

इस प्रकार के अन्य जागरूकता संबंधी निर्देशों का पोस्टर बनाकर सार्वजनिक स्थानों पर लगाइए |

उत्तर- छात्र स्वयं करें |

कुछ करने को :

प्रश्न 1 (क) : प्रसिद्द लेखिका और समाज सेविका हेलेन केलर ( सन 1880-1968 ई० , अमेरिका ) जिनकी डेढ़ वर्ष की अवस्था में बचपन की एक गंभीर बीमारी के कारण देखने और सुनने की शक्ति जाती रही | वे भारत आयी थीं | उनके बारे में शिक्षक से जानकारी प्राप्त कीजिए |

उत्तर- छात्र अपने शिक्षक से जानकारी एकत्रित करें |

प्रश्न 1(ख) : हमारे देश में ऐसे कई खिलाड़ी, कलाकार, वैज्ञानिक, पर्वतारोही हुए हैं जिन्होंने दिव्यान्गता के बावजूद देश का नाम रोशन किया | उनके बारे में जानकारी संकलित कीजिए |

उत्तर- हमारे देश में ऐसे कई खिलाड़ी, कलाकार, वैज्ञानिक, एवं पर्वतारोही हुए हैं जिन्होंने दिव्यांग होने के बावजूद देश का नाम रोशन किया | जो निम्नलिखित हैं –

खिलाड़ी:

एच. बोनिफेस प्रभु – चार साल की उम्र में प्रभु का जीवन बदल गया, जब एक बीमारी ने उन्हें अपने पूरे जीवन के लिए अपाहिज बना दिया। उनकी अपार मेहनत और समर्पण ने उन्हें एक उल्लेखनीय व्यक्ति और एक अग्रणी क्वाड्रिप्लेजिक व्हीलचेयर टेनिस खिलाड़ी बना दिया है।

कलाकार:

1 . सुधा चंद्रन – इस भारतीय अभिनेत्री और शास्त्रीय नृत्यांगना को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। केरल में जन्मी यह 50 वर्षीय कलाकार महज 16 साल की उम्र में एक दुर्घटना का शिकार हो गई थी।

2. रविन्द्र जैन – ये जन्म से ही अंधे थे | लेकिन अपनी दिव्यांगता को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने संगीत के जगत में महानतम उंचाई प्राप्त की | बहुत सी हिंदी फिल्मों में रविन्द्र जैन ने गीत गाये और संगीत भी दिया | रामायण और महाभारत में उनके गाये गीतों को कौन भूल सकता है |

वैज्ञानिक:

सुरेश एच. आडवाणी – डॉ. सुरेश एच. आडवाणी एक प्रतिष्ठित ऑन्कोलॉजिस्ट हैं | डॉ. आडवाणी आठ साल की उम्र में पोलियो से प्रभावित हो गए थे।

पर्वतारोही:

अरुणिमा सिन्हा – अरुणिमा सिन्हा ने अपना पैर खो दिया जब कुछ लुटेरों ने उन्हें चलती ट्रेन से धक्का दे दिया। दो साल बाद, वह माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली विकलांग महिला बनीं।

प्रश्न ( 2 ) : आपके आस-पास यदि कोई दिव्यांग व्यक्ति, जिन्होंने किसी कार्य में विशेष सफलता अर्जित की हो उनकी दिव्यांगता का कारण और सफलता के बारे में चर्चा कर अपनी कक्षा में सुनाइए |

उत्तर- छात्र स्वयं लिखें |

प्रश्न ( 3 ) : इस पाठ की किस बात ने आपको सबसे ज्यादा प्रभावित किया और क्यों ? लिखिए |

उत्तर- पाठ में एक माँ और उसकी दिव्यांग पुत्री के साहस ने मुझे प्रभावित किया | क्योंकि अक्सर लोग थोड़े से ही कष्ट पाकर अपने कर्तव्य पथ से विचलित हो जाते हैं | लेकिन अपंग पुत्री और उसकी माँ ने वो कर दिखाया जो शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं कर पाते हैं | डॉ. चंद्रा और उनकी माँ शारदा सुब्रमण्यम का चरित्र अनुकरणीय है |

कहानी से :

प्रश्न ( 1 ) : कौन-कौन से कथन सही हैं ? हमें जीवन की रिक्तता बहुत छोटी लगने लगती है, जब –

(क) दूसरों के दुःख अपने दुखों से बड़े लगने लगते हैं | (✓)

(ख) हमारे कष्टों से बड़े कष्ट को कोई हँसकर झेलता दिखाई देता है | (✓)

(ग) अपने कष्टों के लिए विधाता को दोषी मान लेते हैं | (✘)

(घ) कष्टों को ईश्वर की इच्छा मानकर स्वीकार कर लेते हैं | (✘)

प्रश्न ( 2 ) : लेखिका क्यों चाहती थीं कि लखनऊ का युवक उनकी पंक्तियाँ पढ़े ?

उत्तर- लेखिका चाहती थी कि लखनऊ का युवक डॉ. चंद्रा के अदम्य साहस के बारे में पढ़े| जिससे युवक को महसूस हो सके कि उसने एक हाथ खोकर अपना सबकुछ नहीं गँवाया है |

प्रश्न ( 3 ) : डॉ0 चंद्रा की कविताएँ देखकर लेखिका की आँखें क्यों भर आयीं ?

उत्तर- डॉ. चंद्रा अपने जीवन का दुःख किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहती थी | अपने दर्द को उन्होंने अपनी कविताओं में पिरोया था | जिसे देखकर लेखिका की आँखें भर आयीं |

प्रश्न ( 4 ) : डॉ0 चन्द्रा ने विज्ञान के अतिरिक्त किन-किन क्षेत्रों में उपलब्धियां प्राप्त कीं ?

उत्तर- डॉ. चंद्रा ने विज्ञान के अतिरिक्त जर्मन भाषा में विशेष योगता हासिल की और गर्ल गाइड का पुरस्कार राष्ट्रपति से प्राप्त किया |

प्रश्न ( 5 ) : निम्नलिखित कथनों का भाव स्पष्ट कीजिए –

(क) वह बित्ते- भर की लड़की मुझे किसी देवांगना से कम नहीं लगी |

उत्तर- लेखिका का आशय है कि एक आधे शरीर से अपंग युवती किस प्रकार दूसरों पर बोझ नहीं बनना चाहती है और सारी पीड़ा को सहते हुए अपने सारे कार्य कर रही है |

(ख) पूरा निचला धड़ सुन्न है, फिर भी बोटी-बोटी फड़क रही है |

उत्तर- वैसे तो युवती का निचला शरीर सुन्न है जिसमें कोई हरकत नहीं होती फिर भी उसके जोश में कोई कमी नहीं है |

(ग) मैं चाहती हूँ कि कोई मुझे सामान्य सा सहारा भी न दे |

उत्तर- डॉ. चंद्रा का कहना था कि मैं अपने सारे कार्य खुद करना चाहती हूँ इसलिए कोई मुझे सामान्य सा सहारा न दे |

(घ) ‘चिकित्सा ने जो खोया है, वह विज्ञान ने पाया’|

उत्तर- चिकित्सा जगत ने डॉ. चंद्रा को मेडिकल में प्रवेश यह कहकर नहीं दिया कि वह अपंग होने के कारण एक सफल शल्य-चिकित्सक नहीं बन पाएंगी | लेकिन चिकित्सा जगत ने एक विलक्षण प्रतिभा को खो दिया | जिन्होनें आगे चलकर विज्ञान के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त की |

(ड.) ईश्वर सब द्वार एक साथ बंद नहीं करता | यदि एक द्वार बंद करता है तो दूसरे द्वार खोल भी देता है |

उत्तर- डॉ.चंद्रा की माँ के कहने का आशय था कि जब भी कोई विपत्ति आती है तो हमें सारे रास्ते बंद नजर आते है , लेकिन तभी हमें एक नया रास्ता दिखाई देता है | मानो ईश्वर ने एक द्वार बंद किया और दूसरा द्वार खोल दिया |

प्रश्न ( 6 ) : शारदा सुब्रह्मण्यम को ‘वीर जननी’ का पुरस्कार क्यों मिला ?

उत्तर- शारदा सुब्रह्मण्यम अपने सारे सुख त्याग कर पूरा समय अपनी पुत्री के पालन-पोषण , पढ़ाई-लिखाई में लगा दिया और उनकी पुत्री ने कामयाबी हासिल की | उनके अदम्य परिश्रम और साहस के लिए उन्हें ‘वीर जननी’ का पुरस्कार मिला|

प्रश्न ( 7 ) : इस पाठ की किस बात ने आपको सबसे अधिक प्रभावित किया और क्यों ?

उत्तर- पाठ में एक माँ और उसकी दिव्यांग पुत्री के साहस ने मुझे प्रभावित किया | क्योंकि अक्सर लोग थोड़े से ही कष्ट पाकर अपने कर्तव्य पथ से विचलित हो जाते हैं | लेकिन अपंग पुत्री और उसकी माँ ने वो कर दिखाया जो शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं कर पाते हैं | डॉ. चंद्रा और उनकी माँ शारदा सुब्रमण्यम का चरित्र अनुकरणीय है |

भाषा की बात :

प्रश्न ( 1 ) : निम्नलिखित शब्दों को ‘ब’ – ‘व’ के उच्चारण – भेद पर ध्यान देते हुए शुद्धरूप में बोलकर पढ़िए | सुब्रह्मण्यम , बुद्धिदीप्त , जिजीविषा , विलक्षण , क्षत-विक्षत , विच्छिन्न |

उत्तर- छात्र स्वयं अभ्यास करें |

प्रश्न ( 2 ) : ‘यातना’ शब्द संज्ञा है | उसमें ‘प्रद’ प्रत्यय जोड़ देने से ‘यातनाप्रद’ शब्द विशेषण बन जाता है, जिसका अर्थ है – कष्ट देने वाला | नीचे लिखे शब्दों में ‘प्रद’ जोड़कर नए शब्द बनाइए और उनके अर्थ लिखिए –

उत्तर-

कष्ट – कष्टप्रद

आनंद – आनंदप्रद

लाभ – लाभप्रद

हानि – हानिप्रद

ज्ञान – ज्ञानप्रद

प्रश्न ( 3) : निम्नलिखित वाक्य पढ़िए-

(क) इसके इस जीवन से तो मौत भली है |

(ख) मैंने जब वे कवितायें देखी तो आँखें भर आयीं |

वाक्य (क) में ‘तो’ निपात के रूप में प्रयुक्त है | ‘निपात’ उस शब्द को कहते हैं , जो वाक्य में कहीं भी भी रखा जा सकता है, जैसे – पर, भर, ही, तो | किन्तु वाक्य (ख) में ‘तो’ ‘जब’ के साथ ‘तब’ के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है | ‘क’ और ‘ख’ की भांति दो-दो वाक्य बनाकर लिखिए |

उत्तर-

(क) 1.इससे अच्छा तो हम सिनेमा देख आते |

2. इस सरकार से अच्छी तो पुरानी सरकारें ही थीं |

(ख) 1.मैंने जब कुत्ते को पुकारा तो वह भौंकने लगा |

2. टेलीविज़न पर जब भारत और पाकिस्तान का मैच आता है तो गली में सन्नाटा पसर जाता है |

प्रश्न ( 4 ) : ‘वह बैसाखियों से ही व्हील चेयर तक पहुँच उसमें बैठ गयी और बड़ी तटस्थता से उसे स्वयं चलाती कोठी के भीतर चली गयी |’ इस वाक्य में दो वाक्य हैं , दोनों वाक्य स्वतन्त्र अर्थ दे रहे हैं| किन्तु ये वाक्य ‘और’ से जुड़े हुए हैं | ऐसे वाक्य को संयुक्त वाक्य कहते हैं | संयुक्त वाक्य में दो या दो से अधिक सरल वाक्य होते हैं , जो ‘और’ , ‘किन्तु’ या ‘इसलिए’ से जुड़े रहते हैं | संयुक्त वाक्य के कोई दो उदाहरण पाठ से चुनकर लिखिए |

उत्तर-

  1. एक प्रौढ़ा ने उतरकर पिछली सीट से एक व्हीलचेयर निकाल कर सामने रख दी और भीतर चली गयी |
  2. मैं फिर नित्य नियत समय पर उसका यह विचित्र आवागमन देखती और आश्चर्यचकित रह जाती |

प्रश्न ( 5 ) : पाठ में आये हुए अंग्रेजी भाषा के शब्दों को छांटिए |

उत्तर- व्हीलचेयर , ड्रग रिसर्च इंस्टिट्यूट , माइक्रोबायोलॉजी , ईस्ट वेस्ट सेंटर , थीसिस , कान्वेंट , मिसेज , क्लास , पीरियड , स्पेशल सीट , लेदर जैकेट |

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