सिलाई कला : कक्षा 8 गृह शिल्प पाठ 7

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सिलाई कला कक्षा 8

Exercise ( अभ्यास )

प्रश्न 1.वस्तुनिष्ठ प्रश्न

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(क) वस्त्रों की सिलाई करना एक कला है।
(ख) मशीन में तेल डालते समय निडिल बार को ऊँचा कर लेना चाहिए।
(ग) रेशम के तंतु एक प्रकार के कीड़े के ककून से प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 2. अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

(क) वस्त्र कितने प्रकार के होते हैं? नाम लिखिए ।

वस्त्र प्रमुख रूप से तीन प्रकार के होते हैं-

  1. सूती
  2. रेशमी
  3. ऊनी

(ख) किस वस्त्र पर क्रॉस स्टिच की कढ़ाई सरलता से होती है ?

उत्तर : दुसुती कपड़े में क्रॉस स्टिच की कढ़ाई आसानी से हो जाती है |

(ग) ऊनी वस्त्रों का प्रयोग किस ऋतु में किया जाता है?

उत्तर- ऊनी वस्त्रों का प्रयोग शीत ऋतु में किया जाता है |

प्रश्न 3. लघु उत्तरीय प्रश्न

(क) घर पर सिलाई करने के किन्हीं चार लाभ को लिखिए।

उत्तर- घर पर सिलाई करने के प्रमुख चार लाभ-

  1. नाप के अनुसार सिलाई
  2. मजबूत सिलाई
  3. आर्थिक लाभ
  4. बचे हुए कपड़े का सदुपयोग
  5. धनोपार्जन का साधन

(ख) रेशमी एवं ऊनी वस्त्र कितने प्रकार के होते हैं ? उनके नाम लिखिए।

उत्तर : रेशमी एवं ऊनी वस्त्र के प्रकार –
रेशमी वस्त्र तीन प्रकार के होते हैं –

  1. सिल्क -सिल्क बहुत मुलायम होती हैं इसकी धागे दोनों तरफ एक ऐसे ही होते हैं सिल्क से कुर्ते ब्लाउज साड़ी आज बनाए जाते हैं |
  2. साटन – साटन चिकनी तथा गफ होती है |यह सफेद तथा सभी रंगों में मिलती है| इस के गरारे कुर्ते लहंगा सलवार आदि बनाए जाते हैं |
  3. मखमल – यह साटन की तरह का कपड़ा होता है |अंतर केवल इतना है कि इसमें रोये होते हैं | यह देखने में सुंदर व महंगे होते हैं इससे कुर्ता रजाई तकिया के खिलाफ आज बनाए जाते हैं |

ऊनी वस्त्र दो प्रकार के होते हैं

  1. ट्वीड
  2. सर्ज

प्रश्न 4. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

(क) कपड़े पर ड्राफ्टिंग करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?

उत्तर : कपड़े पर ड्राफ्टिंग करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  • आकृति में अंतर – प्रत्येक स्त्री-पुरुष की शारीरिक आकृति में अंतर होता है |ड्राफ्ट बनाते समय आकृति को ध्यान में रखकर ही वस्त्र काटना चाहिए |
  • कपड़े में सिकुड़न – ड्राफ्ट बनाते समय यह भी देख लेना चाहिए कि वस्त्र सिकुड़ तो नहीं जाएगा | यदि सिकुड़न का भय हो तो कपड़े को काटने से 2 घंटे पूर्व पानी में भिगोकर सुखा लेना चाहिए अन्यथा नाप से एक या 2 इंच अधिक रखकर वस्त्र का ड्राफ्ट बनाना चाहिए |
  • व्यक्ति की रुत का ध्यान रखना – वस्त्र को सिलते समय व्यक्ति की रूचि का भी ध्यान रखना चाहिए |कुछ व्यक्ति ढीले कपड़े और कुछ व्यक्ति चुस्त कपड़े पहनना पसंद करते हैं |
  • कागज की ड्राफ्ट द्वारा वस्त्रों पर ड्राफ्टिंग करना – कागज की ड्राइंग करने के उपरांत ऐसे वस्त्र पर रखकर इस से कुछ अधिक कपड़ा छोड़कर निशान लगाना चाहिए जिससे कपड़े को बाद में आवश्यकतानुसार ढीला करने की सुविधा रहे |

(ख) सिलाई मशीन की देखभाल आप कैसे करेंगे? विस्तार से लिखिए।

उत्तर- सिलाई मशीन की देखभाल निम्नलिखित तरीके से करेंगे-

  • मशीन को धूल व मिट्टी से बचाएं जब यह प्रयोग में ना हो तो इसे ढक कर रखना चाहिए |
  • दिन प्रतिदिन की सफाई की अतिरिक्त प्रतिवर्ष मशीन को एक बार खोलकर उसके विभिन्न पुर्जो को मिट्टी के तेल से साफ करना चाहिए | इससे मशीन हल्की चलती है |
  • प्रति सप्ताह या 2 सप्ताह पश्चात मशीन में तेल देना चाहिए अन्यथा पुर्जे जिसने लगते हैं | मशीन पर संकेत बना होता है कि तेल कहां-कहां डाला जाए|
  • तेल डालते समय नीडल बार को ऊंचा कर देना चाहिए |

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