मेरी शिक्षा (आत्मकथा)

Solution for SCERT UP Board textbook Kalrav ( Vatika ) कक्षा 5 हिन्दी कलरव “वाटिका” पाठ 3 मेरी शिक्षा, लेखक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद solution hindi pdf, | If you have query regarding Class 5 chapter 3 Meri Shiksha , please drop a comment below.

मेरी शिक्षा ( Meri Shiksha )

Exercise ( अभ्यास )
प्रश्न ( 1 ) बोध प्रश्न : उत्तर लिखिए

(क) बालक राजेन्द्र प्रसाद का अक्षरारम्भ किसने कराया था ?

उत्तर – बालक राजेन्द्र प्रसाद का अक्षरारंभ मौलवी साहब ने बिस्मिल्लाह के साथ कराया था |

(ख) उनके साथ कौन-कौन पढ़ता था ?

उत्तर – उनके साथ उनके परिवार के ही दो चचेरे भाई पढ़ते थे |

(ग) पहले मौलवी साहब और दूसरे मौलवी साहब में क्या अंतर था ?

उत्तर – पहले मौलवी साहब गंभीर नहीं थे इसलिए कभी-कभी मजाक के पात्र बन जाते थे | जबकि नए मौलवी साहब गंभीर थे और अच्छा पढ़ाते थे |

(घ) देर तक न पढ़ना पड़े , इसके लिए जमना भाई क्या चाल चलते थे ?

उत्तर – जमना भाई तेल के दिए में रेत की पोटली रख देते थे | वह शीघ्र ही तेल सोख लेती थी और दिया जल्दी बुझ जाता था |

प्रश्न (2) सोच – विचार : बताइए –

दूसरे वाले मौलवी साहब के बारे में ऐसा क्यों कहा गया कि “वे बहुत गंभीर थे और अच्छा पढ़ाते भी थे|”

उत्तर – दूसरे वाले मौलवी साहब फिजूल की बाते नहीं करते थे | उनका ध्यान केवल पढ़ाई पर ही रहता था | इसलिए वे अच्छा पढ़ाते थे |

प्रश्न (3) भाषा के रंग –

(क) नीचे लिखे शब्दों को सही क्रम में लिखकर वाक्य बनाइए –

  • कोठरी / करते / रहा / में / वे / एक / थे
  • समय / भी / था / खेलने / – / के लिए / कूदने / दिया / जाता
  • आधा / प्रायः / मिलती / छुट्टी / घंटे / की / थी
  • चारपाई / साहब / सोते / पर / मौलवी / थे

उत्तर – सही क्रम :

  • वे एक कोठरी में रहा करते थे |
  • खेलने-कूदने के लिए भी समय दिया जाता था |
  • प्रायः आधा घंटे की छुट्टी मिलती थी |
  • मौलवी साहब चारपाई पर सोते थे |

(ख) छोटे – बड़े, इधर-उधर : यहाँ विलोम अर्थ देने वाले शब्दों की जोड़ी बनी है | इस प्रकार के शब्दों के जोड़े पुस्तक से ढूँढकर लिखिए |

उत्तर – खेलने-कूदने और खेल-कूद |

(ग) धीरे-धीरे, तरह-तरह : यहाँ एक ही शब्द की आवृत्ति दो बार हुई है , इस प्रकार के पाँच शब्दों के जोड़े पुस्तक से ढूँढकर लिखिए |

उत्तर – कर-कर , छल-छल, कंकड़-कंकड़ , युग-युग, पिघल-पिघल |

(घ) ‘बेख़ौफ़’ शब्द में ‘बे’ उर्दू का उपसर्ग जुड़ा है | यह उपसर्ग शब्द में जुड़कर उसका अर्थ उलटा कर देता है | खौफ का अर्थ होता है -भय , परन्तु बेख़ौफ़ का अर्थ निर्भय हो जाता है | इसी प्रकार इन शब्दों के अर्थ लिखिए –

बेदाग , बेकसूर , बेघर , बेवजह , बेहिसाब , बेमिसाल 

उत्तर : बेदाग = दाग विहीन

बेकसूर = निर्दोष

बेघर = जिसके कोई घर न हो

बेवजह = जिसकी कोई वजह न हो

बेहिसाब = जिसका कोई हिसाब न हो

बेमिसाल = जिसकी कोई मिसाल न हो

प्रश्न (4) : तुम्हारी कलम से –

( क) आपका अक्षरारंभ किस उम्र में और कैसे हुआ ?

(ख) आप अपने स्कूल में कौन-कौन से विषय पढ़ते व सीखते हैं ?

(ग) आपको कौन-सा विषय सबसे अच्छा लगता है और क्यों ?

उत्तर – उपरोक्त तीनों प्रश्नों का उत्तर स्वयं लिखें |

प्रश्न (5) : अब करने की बारी –

(क) डॉ राजेन्द्र प्रसाद स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे | उनकी आत्मकथा पढ़िए |

उत्तर – छात्र विद्यालय के पुस्तकालय से पुस्तक लेकर पढ़ें |

(ख) “सपने वो नहीं जो आप सोते वक्त देखते हैं | सपने वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते |” यह प्रसिद्ध वाक्य भारत के एक पूर्व राष्ट्रपति का है | पता कीजिए वो कौन थे ?

उत्तर – यह कथन भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्व० डॉ ए०पी०जे० अब्दुल कलाम जी का है |

प्रश्न (6) : मेरे दो प्रश्न : पाठ के आधार पर दो सवाल बनाइए –

  1. अंग्रेजी पढ़ने के लिए बालक राजेन्द्र प्रसाद को कहाँ जाना पड़ा ?
  2. बालक राजेन्द्र प्रसाद के चचेरे भाई का क्या नाम था ?

प्रश्न (7) : इस पाठ से –

(क) मैंने सीखा –

(ख) मैं करूँगा / करूँगी –

उपरोक्त दोनों प्रश्नों का उत्तर छात्र स्वयं लिखें |

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