मलेथा की गूल (कहानी) कक्षा 4 फुलवारी पाठ 7

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मलेथा की गूल (Maletha ki Gul)

Exercise ( अभ्यास )
बोध प्रश्न :
प्रश्न ( 1 ) : उत्तर लिखिए –
(क) मलेथा के खेत बंजर क्यों पड़े रहते थे ?

उत्तर – पानी के अभाव में मलेथा के खेत बंजर पड़े रहते थे |

(ख) पानी लाने के लिए माधो सिंह ने अपने पत्नी को क्या उपाय बताया ?

उत्तर – माधो सिंह ने अपनी पत्नी को बताया कि अगर हम जी-जान से कोशिश करें तो हमारे गाँव में पानी आ सकता है |

(ग) माधो सिंह के मन में क्या सपना उभरता था ?

उत्तर – माधो सिंह के मन में सपना उभरता था कि यदि नदी का पानी किसी प्रकार उसके खेतों तक आ जाता तो उसके खेत भी हरी-भरी फसलों से लहलहा उठते |

(घ) सपना पूरा करने के लिए माधो सिंह ने क्या प्रतिज्ञा ली ?

उत्तर – माधो सिंह ने प्रतिज्ञा की – ‘जब तक मेरे शरीर में रक्त की एक भी बूँद रहेगी , मैं अपने गाँव मलेथा तक गूल निकालकर पानी लाने का प्रयास करूँगा | मैं तब तक चैन की नींद नहीं सोउंगा, जब तक मलेथा के एक-एक खेत तक पानी नहीं आ जाता |’

(ड.) माधो सिंह ने अपनी प्रतिज्ञा कैसे पूरी की ?

उत्तर – माधो सिंह ने अपने सपने को पूरा करने के लिए इस कार्य में जुट गए | कुछ समय पश्चात उन्होंने काफी गहरी सुरंग खोद ली | माधो सिंह के साहस और धैर्य को देखकर गाँव के लोग भी उनके साथ उस कार्य में लग गए | कठिन परिश्रम करते हुए उन्होंने गूल निर्माण का कार्य कर दिखाया और खेतों तक पानी पहुँच गया| इस प्रकार माधो सिंह ने अपनी प्रतिज्ञा पूरी की |

(च) माधो सिंह की दृढ़ प्रतिज्ञा और कठोर श्रम का क्या परिणाम निकला ?

उत्तर – माधो सिंह की दृढ़ प्रतिज्ञा और कठोर श्रम के परिणामस्वरूप मलेथा के खेत पानी पाकर हरे-भरे हो गए |

प्रश्न (2) सोच-विचार : बताइए –
(क) आप मलेथा गाँव के बच्चे होते तो पहाड़ में सुरंग बनाने में क्या सहयोग करते ?

उत्तर – अगर हम मलेथा गाँव के बच्चे होते तो हम भी सुरंग बनाने में पूरा सहयोग करते | पत्थर न तोड़ पाते तो भी हम उसे ढोने में अवश्य मदद करते |

(ख) आपके आस-पास कहाँ-कहाँ जल बरबाद हो रहा है ? सोचिए और जल की बरबादी रोकने के उपाय भी बताइए |

उत्तर – छात्र अपने पास-पड़ोस के अनुभव लिखें |

प्रश्न (3) भाषा के रंग –
(क) पाठ में एक वाक्य आया है ‘मैं तब तक चैन की नींद नहीं सोऊंगा जब तक मलेथा के एक-एक खेत तक पानी नहीं आ जाता |’ ऐसे तीन वाक्यों की रचना करें जिनमें ‘तब तक’ और जब तक’ शब्दों का प्रयोग हुआ हो |

उत्तर –

(1) जब तक मेरे शरीर में रक्त की एक भी बूँद रहेगी तब तक इस कार्य को करता रहूँगा |

(2) जब तक मेरे शरीर में जान है तब तक मैं डाकुओं को गाँव में घुसने नहीं दूंगा |

(3) जब तक हम जीत नहीं जाते , तब तक हमें मैच पर पकड़ बनाए रखना होगा |

(ख) नीचे लिखे शब्दों को उदाहरण के अनुसार लिखिए –
  • उत्साह – उत्साही
  • साहस – साहसी
  • बलिदान – बलिदानी
  • पराक्रम – पराक्रमी
  • परिश्रम – परिश्रमी
  • उद्यम – उद्यमी
(ग) नीचे लिखे शब्दों में से संज्ञा शब्द छांटिए –
तीव्र, फावड़ा, माधो सिंह, खेत, गढ़वाल, गैंती, सुन्दर, सिंचाई, पहाड़, हम

उत्तर – फावड़ा , माधो सिंह , खेत , गढ़वाल , गैंती, पहाड़,

(घ) नीचे लिखे शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए –

उत्तर –

पवन – हवा , समीर

जल – पानी , नीर

पृथ्वी – धरती , वसुधा

कमल – पंकज , जलज

घर – मकान , गृह

(ड.) अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए –

पहाड़ – शहर के उत्तर दिशा में पहाड़ नजर आ रहे थे |

विचलित – कठिन परिस्थिति में भी वह तनिक भी विचलित नहीं हुआ |

तीव्र – राजू तीव्र गति से वाहन चला रहा था |

बंजर – बंजर भूमि पर फसल उगाना कठिन कार्य है |

उत्साह – आज रवि स्कूल जाते समय बहुत उत्साह में था |

निश्चय – उसने परीक्षा देने का निश्चय किया |

(च) उचित स्थान पर विराम चिह्नों का प्रयोग कीजिए –
माधव प्रातःकाल उठकर सैर करने जाता है जलपान के बाद विद्यालय जाता है वहाँ खूब मेहनत से पढ़ता है सभी उसकी प्रशंसा करते हैं

उत्तर – माधव प्रातःकाल उठकर सैर करने जाता है| जलपान के बाद विद्यालय जाता है, वहाँ खूब मेहनत से पढ़ता है | सभी उसकी प्रशंसा करते हैं|

प्रश्न (4) आपकी कलम से –

(क) आपके आस-पड़ोस में भी ऐसी घटनाएं घटी होंगी , जब किसी ने कठिन समझे जाने वाले कार्य को कर दिखाया होगा | वह घटना कैसे घटी , अपने शब्दों में लिखिए |

उत्तर – छात्र अपना अनुभव लिखें |

(ख) ‘मलेथा की गूल’ कहानी को संक्षेप में अपने शब्दों में लिखिए |

उत्तर – मलेथा नामक गाँव में माधो सिंह नाम का एक युवक अपनी पत्नी के साथ रहता था| उस गाँव के दोनों ओर नदी बहती थी, किन्तु दोनों ओर से पहाड़ से घिरा होने के कारण पानी के अभाव में खेत बंजर पड़े रहते थे |माधो सिंह के मन में सपना उभरता कि काश ! किसी प्रकार नदी का पानी खेतों तक आ जाए और खेतों में फसल उगाई जा सके | यह बात उसने अपनी पत्नी को बताई |

माधो सिंह ने योजना बनाई कि यदि पहाड़ की तलहटी से होकर एक सुरंग बनाई जाय तो खेतों तक नदी का पानी लाया जा सकता है | पत्नी ने कार्य में साथ देने का वादा किया | उसने पहाड़ से सुरंग बनाना प्रारम्भ कर दिया | हफ्ते डेढ़ हफ्ते में काफी गहरी सुरंग बन गई | उसकी लगन और परिश्रम को देखकर गाँव वालों ने भी उसका साथ दिया | इस प्रकार माधो सिंह ने असंभव से कार्य को पूरा कर दिखाया | पानी पाकर बंजर भूमि भी फसलों से लहलहा उठी |

प्रश्न (5) अब करने की बारी –

यहाँ एक सूचना है जो नवीन के गाँव में एक दिन सूचना पट्ट पर लगाईं गई –

आप भी ऐसी सूचना बना सकते हैं | अपने विद्यालय के किसी कार्यक्रम के विषय में एक सूचना बनाइए और उसे सूचनापट्ट पर लगाइए |

उत्तर – छात्र स्वयं करें |

प्रश्न (6) मेरे दो प्रश्न : पाठ के आधार पर दो सवाल बनाइए –

उत्तर –

(1) माधो सिंह के गाँव का क्या नाम था ?

(2) मलेथा गाँव के दोनों तरफ कौन सी नदियाँ बहती थीं ?

प्रश्न (7) इस कहानी से –
(क) मैंने सीखा –
(ख) मैं करूँगा / करूँगी –

इन प्रश्नों के उत्तर छात्र स्वयं लिखें |

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