चिर महान कविता

Solution for SCERT UP board book मंजरी अक्षरा कक्षा 6 पाठ 1 चिर महान कविता कवि श्री सुमित्रानंदन पन्त solution pdf. If you have query regarding Class 6 Manjari Akshara Chapter 1 Hindi, please drop a comment below.

चिर महान

Exercise ( अभ्यास )
विचार और कल्पना :

प्रश्न ( 1 ) : संसार में मानव कल्याण के लिए कौन-कौन उपाय किये जा सकते हैं ? अपना विचार व्यक्त कीजिए | अगर आपको ईश्वर से संसार के कल्याण का वरदान मिल जाये तो आप क्या-क्या करेंगे ?

उत्तर – हमें कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे कोई भूखा न रहे , सभी स्वस्थ रहें और खुशहाली पूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें | अगर मुझे ईश्वर से संसार के कल्याण का वरदान मिल जाए तो मैं पूरे संसार से गरीबी , अशिक्षा और बिमारियों को दूर करूंगा जिससे एक अच्छे समाज का निर्माण हो सके और लोग खुशहाली पूर्वक जीवन जी सकें |

कविता से :

प्रश्न ( 1 ) : इस कविता में ‘ सत्य-प्राण ‘शब्द अच्छे गुण का सूचक है और ‘ अन्ध भक्ति ‘ शब्द दुर्गुण अर्थात अच्छे गुण का सूचक नहीं है | इसी प्रकार कविता को पढ़कर इसमें आये अच्छे गुण वाले शब्दों और दुर्गुण वाले शब्दों की सूची बनाइए , जैसे –

अच्छे गुण वाले शब्द :  सत्यप्राण ,  अमर दान , परित्राण , शक्ति . सौन्दर्यपूर्ण 

दुर्गुण वाले शब्द :  अन्ध भक्ति , भय , संशय 

प्रश्न ( 2 ) : कवि विश्व में नवजीवन का विहान क्यों लाना चाहता है ?

उत्तर – मानवता के कल्याण के लिए , सुख समृद्धि और उसके उत्थान के लिए कवि नवजीवन में विहान लाना चाहता है |

प्रश्न ( 3 ) : इस कविता का शीर्षक ‘ चिर महान ‘ है | आपको इस कविता का कोई और शीर्षक देना हो तो क्या शीर्षक देना चाहेंगे ? लिखिए |

उत्तर – ” नवजीवन का विहान “

प्रश्न 4 (क) : निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए –

1 – जगजीवन में जो चिर महान 

      सौन्दर्यपूर्ण औ सत्य-प्राण |

भाव – हे ईश्वर ! संसार के लोगों में सदैव महानता का कार्य करने वाला हो , सौन्दर्य से ओत-प्रोत हो और जिसका ह्रदय सत्य से भरा हो |

2 -जिससे जीवन में मिले शक्ति 

     छूटे भय , संशय , अंधभक्ति |

भाव – हे ईश्वर ! मुझे ऐसी शक्ति दो जिससे मुझे   भय , संशय और अन्धभक्ति जैसी बुराइयों से छुटकारा मिल सके |

प्रश्न 4 (ख) : नीचे ‘क’ वर्ग में दी गयी कविता पंक्तियों से सम्बंधित पंक्तियाँ ‘ख’ वर्ग में दी गयी हैं | किन्तु वे क्रम से नहीं हैं | पंक्तियों को मिलाइए –

          ‘क’                                                 ‘ख’

1 – मैं उसका प्रेमी बनूँ, नाथ ! – जो हो मानव के हित समान 

2 – मैं वह प्रकाश बन सकूं , नाथ ! – मिल जायें जिसमें अखिल व्यक्ति 

3 – ला सकूं विश्व में एक बार – फिर से नवजीवन का विहान 

भाषा की बात :

प्रश्न 1 : चिर शब्द का अर्थ है ‘सदैव’ यह महान के पूर्व विशेषण के रूप में जुड़ा है | इसी प्रकार ‘चिर’ विशेषण लगाकर तीन और नए शब्द बनाइए , जैसे – चिर नवीन ,

उत्तर – चिर यौवन , चिर आयु , चिर समान 

( 2) जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताए उसे ‘विशेषण’ कहते हैं | जिसकी विशेषता बताई जाय उसे ‘विशेष्य’ कहते हैं |

( 3) क्रिया विशेषण वे शब्द हैं जो क्रिया की विशेषता बताते हैं | जैसे – काला घोड़ा तेज दौड़ा | इस वाक्य में ‘काला’ शब्द विशेषण है जो संज्ञा शब्द ‘घोड़ा’ की विशेषता बता रहा है | तेज दौड़ा में ‘दौड़ा’ शब्द क्रिया है उसकी विशेषता बताने वाला शब्द ‘तेज’ क्रिया विशेषण है |

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