Solution for SCERT UP Board book कक्षा 7 मंजरी दीक्षा पाठ 1 जागो जीवन के प्रभात solution pdf. If you have query regarding Class 7 Manjari Diksha Chapter 1 Jago Jivan ke Prabhat , please drop a comment below.
जागो जीवन के प्रभात
Exercise ( अभ्यास )
विचार और कल्पना :
प्रश्न ( 1 ) : यह कविता उस समय लिखी गई थी जब देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा था |हम गुलामी के अन्धकार से आजादी के सुनहरे सवेरे की ओर बढ़ रहे थे | बताइए , उस समय देश की स्थिति क्या रही होगी ?
उत्तर – उस समय पूरा देश आजादी के आन्दोलन में शामिल था , बच्चे बूढ़े , नौजवान सभी आजादी के लिए आन्दोलन कर रहे थे | उस दौर में में बहुत से कवियों ने लोगों में जोश भरने का काम किया , जिसके लिए उन्होंने क्रन्तिकारी भावना से ओत-प्रोत गीतों की रचना की | जिसको सुनकर सभी के अन्दर आजादी पाने की इच्छा और बढ़ जाती थी |
प्रश्न ( 2 ) : प्रात: काल पशुपालक अपने पशुओं को चारा खिलाते हैं | इसी तरह निम्नांकित के द्वारा प्रात: काल किये जाने वाले कार्यों के विषय में लिखिए –
( क ) विद्यार्थी – विद्यार्थी विद्यालय जाने की तैयारी करते हैं |
( ख ) माँ – माँ सभी के लिए सुबह का नाश्ता तैयार करती हैं |
( ग ) दुकानदार – दुकानदार अपनी दुकान खोलने की तैयारी करता है |
( घ ) पक्षी – पक्षी भोजन की तलाश में उड़ जाते हैं |
( ड. ) आप – मैं भी अपने विद्यालय जाने की तैयारी करता हूँ |
कविता से :
प्रश्न ( 1 ) : कविता में जीवन का जो सन्देश छिपा हुआ है , दिए गयी विकल्पों में से उसे छांटिए –
( क ) सूर्योदय के लिए |
( ख ) जीवन में नयी आशा संचार करने के लिए | (✓)
( ग ) मलय-वात का आनंद लेने के लिए |
प्रश्न ( 2 ) : कवि ने प्रात: काल पृथ्वी पर फैले ओस कणों को क्या कहा है ?
उत्तर – कवि ने प्रात: काल पृथ्वी पर फैले ओस कणों को दुःख भरे आंसू कहा है |
प्रश्न ( 3 ) : उषा द्वारा ओस बटोरने का क्या आशय है ?
उत्तर – इसका आशय यह है कि सुबह होने पर सूरज के किरणों की गर्मी ओस को सुखा देती है |
प्रश्न ( 4 ) : भाव स्पष्ट कीजिए –
( क ) चल रहा सुखद यह मलय वात |
उत्तर : कवि कहता है , दुःख रुपी अन्धकार अब छंट रहा है और अब सुख रुपी हवा मंद -मंद चलने लगी है |
( ख ) कलरव से उठकर भेंटो तो |
उत्तर : कवि कहता है कि दुःख भरी रात अब बीत चुकी है अब हमें आने वाली नयी सुबह का आनंद उठाना चाहिए |
प्रश्न ( 5 ) : ‘ रजनी की लाज ‘ को स्पष्ट करने के लिए नीचे चार अर्थ दिए गए हैं , इनमें से सही अर्थ छाँटकर लिखिए –
( क ) अन्धकार (✓)
( ख ) शर्म
( ग ) दुःख
( घ ) आलस्य
भाषा की बात :
कविता की दो पंक्तियों को पढ़िए –
( क ) चल रहा सुखद यह मलय-वात
( ख ) अरुणांचल में चल रही बात
उपर्युक्त पंक्तियों में आये शब्द ‘वात’ और ‘बात’ का अर्थ वाक्य प्रयोग द्वारा स्पष्ट कीजिए –
अर्थ वाक्य प्रयोग
वात– हवा – बहुत शीतल हवा चल रही थी |
बात– बातचीत या चर्चा – आज चौराहे पर चुनाव के सम्बन्ध में बात हो रही थी |
( ग ) अरुण +अंचल के योग से ‘ अरुणांचल ‘ शब्द बना है | इसी तरह नीचे लिखे गए शब्दों में ‘ अंचल ‘ शब्द जोड़कर लिखिए –
हिम + अंचल = हिमांचल
उत्तर + अंचल = उत्तरांचल
पूर्व + अंचल = पूर्वांचल
सोन + अंचल = सोनांचल
कोयला + अंचल = कोयलांचल
नीला + अंचल = नीलांचल
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