Solution for SCERT UP Board book हमारा इतिहास और नागरिक जीवन कक्षा 8 पाठ 4 भारत में कंपनी राज्य का प्रभाव solution pdf. If you have query regarding Class 8 Hamara Itihas aur Nagrik Jivan chapter 4, please drop a comment below.
भारत में कंपनी राज्य का प्रभाव
Exercise ( अभ्यास )
1- बहुविकल्पीय प्रश्न
1- रेगुलेटिंग एक्ट बनाया गया-
(क) 1773 ई0 में✅
(ख)1784 ई0 में
(ग) 1885 ई0 में
(घ) 1770 ई0 में
2- एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना की-
(क) राजाराम मोहन राय ने
(ख) विलियम जोन्स ने✅
(ग) क्लाइव ने
(घ) लार्ड मैकाले ने
2- अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न-(1) बंगाल में दोहरी शासन व्यवस्था किसने शुरू की?
उत्तर– लॉर्ड क्लाइव ने
प्रश्न (2)- फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना कहां हुई थी?
उत्तर -कोलकाता में
प्रश्न (3)- सुप्रीम कोर्ट की स्थापना किस गवर्नर जनरल के समय में हुई ?
उत्तर- वारेन हेस्टिंग्स
3- लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न (1)- पिट्स इंडिया एक्ट के बारे में लिखिए ?
उत्तर- ब्रिटिश संसद ने 1784 इसवी में एक नया कानून पारित किया जो पिट्स इंडिया एक्ट कहलाया इस अधिनियम के द्वारा भी बिट्रेन में एक नियंत्रण परिषद की स्थापना हुई इस परिषद के द्वारा ब्रिटिश सरकार को भारत में कंपनी के सैनिक, असैनिक तथा राजस्व संबंधी मामलों में एकाधिकार प्राप्त हो गया ।
प्रश्न-(2) स्थायी बंदोबस्त क्या था ?
उत्तर– लार्ड कार्नवालिस ने अधिक से अधिक मालगुजारी वसूल करके देने वाले को नीलामी बोली के आधार पर उन्हें तथा उनके पुत्रों को आजीवन उस गांव का जमीदार घोषित कर दिया यही स्थाई बंदोबस्त कहलाता है ।
प्रश्न (3)- अंग्रेजो ने भारतीय उद्योगों को किस प्रकार नष्ट किया ?
उत्तर– अंग्रेज भारत से कच्चा माल ले जाते थे तथा मशीनों से माल तैयार करते थे जो कि हाथ से बने सामान से सस्ता होता था वह तैयार माल को ज्यादा दाम में भारत में बेच देते थे इसी कारण भारतीय उद्योग इंग्लैंड के उद्योग के समक्ष टिक नहीं पाए फलस्वरुप भारतीय उद्योग धंधों का विनाश होने लगा ।
4 -दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1- अंग्रेजों द्वारा भारत मे किये गए भूमि सुधारो के बारे में लिखिए ?
उत्तर-
1-स्थाई बंदोबस्त-
अधिक से अधिक मालगुजारी वसूल करके देने वाले को नीलामी बोली के आधार पर उन्हें तथा उनके पुत्रों को आजीवन उस गांव का जमीदार घोषित कर दिया यही जमीदारी प्रथा या अस्थाई बंदोबस्त कहलाया
2-रैयतवाड़ी प्रथा-
दक्षिण भारत के मद्रास प्रांत में मालगुजारी देने का उत्तरदायित्व रैयत (काश्तकार) को सौंपा गया मालगुजारी की धनराशि 30 वर्ष के लिए निश्चित कर दी गई रैयत अपनी उपज का लगभग आधा भाग सरकार को मालगुजारी के रूप में देता था ।
3- महालवाड़ी प्रथा –
उत्तर प्रदेश के पश्चिम में दिल्ली और पंजाब के आसपास मालगुजारी कई गांव के समूह के स्वामियों से वसूल की जाती थी यह समूह महाल कहलाते थे सरकार महाल पर स्वामित्व रखने वाले से मालगुजारी वसूल करने का समझौता करती थी ।
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