धरातल के रूप बदलने वाले कारक : आंतरिक कारक

Here we have given the solution of SCERT UP Board textbook कक्षा 7 पृथ्वी और हमारा जीवन “हमारा भूमण्डल” पाठ 3 धरातल के रूप बदलने वाले कारक : आंतरिक कारक solution pdf, | If you have query regarding Class 7 chapter 3 “Dharatal ke roop badlne wale karak : Antrik karak” , please drop a comment below.

धरातल के रूप बदलने वाले कारक : आंतरिक कारक

Prithvi ke roop badlne wale karak : Antrik Karak

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न ( 1 ) : निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

( क ) स्थलमण्डलीय प्लेट किसे कहते हैं ?

उत्तर – स्थलमण्डल अनेक दृढ़ खण्डों में विभाजित है | इन्हें स्थलमण्डलीय प्लेट कहते हैं | प्रत्येक प्लेट में महाद्वीपीय या महासागरीय अथवा दोनों प्रकार की भूपर्पटी शामिल होती हैं |

( ख ) पृथ्वी के आंतरिक बल से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर – ऐसे बल जो पृथ्वी के आतंरिक भाग में उत्पन्न होते हैं , पृथ्वी के आंतरिक बल कहलाते हैं | ये दो प्रकार के होते हैं – दीर्घकालिक बल और आकस्मिक बल |

( ग ) मोड़दार पर्वत का निर्माण कैसे होता है ?

उत्तर – जब दो प्लेटें आमने-सामने गति करती हैं तब दबाव की क्रिया होती है | इससे धरातल पर मोड़ पड़ जाते हैं और मोडदार ( वलित ) पर्वतों का निर्माण होता है |

( घ ) ज्वालामुखी कितने प्रकार के होते हैं ? इनके लक्षणों को भी स्पष्ट करें |

उत्तर – ज्वालामुखी सामान्यत: तीन प्रकार के होते हैं –

  1. सक्रिय ज्वालामुखी – ये हमेशा क्रियाशील रहते हैं | इनके मुंह से लावा हमेशा निकलता रहता है |
  2. सुप्त ज्वालामुखी – इस ज्वालामुखी का विस्फोट बहुत कम अर्थात कभी-कभार होता है |
  3. शांत ज्वालामुखी – इस प्रकार के ज्वालामुखी से कभी उदगार हुआ था किन्तु अब विस्फोट की संभावना नहीं रहती है |

( ड.) ज्वालामुखी से मनुष्य को होने वाले लाभ व हानि बताइए |

उत्तर – ज्वालामुखी से होने वाले लाभ – 

  • लावा से बनी काली मिट्टी में गन्ना तथा कपास की पैदावार होती है |
  • ज्वालामुखी विस्फोट से बहुमूल्य खनिज पदार्थ जैसे – लौह , खनिज आदि ऊपर आ जाते हैं |
  • अधिक तापमान वाली भाप को संचित कर भूतापीय बिजली का निर्माण होता है |
  • क्रेटर झील के बनने पर पर्यटक स्थल बनते हैं तथा झील का पानी सिंचाई के काम आता है |

ज्वालामुखी से होने वाली हानियाँ –

  • विस्फोट से निकलने वाले लावा के नीचे वनस्पति तथा जीव – जंतु दब जाते हैं |
  • ज्वालामुखी के समीपवर्ती भागों में प्रायः भूकम्प भी आते हैं |
  • लावा प्रवाह से सैकड़ों किमी तक खेत , मकान आदि नष्ट हो जाते हैं |
  • समुद्र में ज्वालामुखी विस्फोट से जल उबलने लगता है जिसे बड़वानल कहा जाता है | इसके फलस्वरूप मछलियाँ मर जाती हैं |

( च ) भूकम्प उदगम केंद्र और भूकम्प अधिकेन्द्र में अन्तर स्पष्ट कीजिए |

उत्तर – पृथ्वी के अन्दर जहाँ से कम्पन उत्पन्न होता है , उस स्थान को भूकम्प उदगम केंद्र ( Focus ) कहते हैं | 

इस उदगम केंद्र के ठीक ऊपर धरातल पर स्थित बिंदु को अधिकेन्द्र ( Epicentre ) कहते हैं |

( छ ) भूकम्प आने के समय अपनाई जा सकने वाली कोई दो सावधानियां लिखिए |

उत्तर – 1. अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में है तो भूकम्प आने के समय भवन से तुरंत बाहर भागकर खुले स्थान पर , भवन से दूर खड़े हो जाएँ |

2. यदि आप नगर , कस्बा क्षेत्र में हों तो किसी मेज , तख़्त या अन्य ठोस वस्तु के नीचे छिप जाएं | ध्यान यह भी रहना चाहिए कि खिड़की , आलमारी  या वजनी वस्तु के नीचे या बगल में नहीं छिपना चाहिए |

प्रश्न ( 2 ) : निम्नलिखित के सही जोड़े बनाइए –

एटना                       सबसे उंचा ज्वालामुखी 

कोटोपैक्सी               इटली 

नर्मदा नदी               भ्रंश घाटी 

हिमालय                  वलित पर्वत 

प्रश्न ( 3 ) : रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

( क ) ज्वालामुखी के छिद्र को विवर ( क्रेटर ) कहते हैं |

( ख ) अधिकतर भूकम्प प्रशांत महासागर के दोनों तटों पर आते हैं |

( ग ) स्थलमण्डलीय प्लेटें दुर्बलतामण्डल पर तैर रही हैं |

( घ ) मैग्मा जब धरातल पर फैलता है तो उसे लावा कहते हैं |

 MasterJEE Online Solutions for Class-7 Geography Chapter 3 Antrik karak. Question Answer . If you have any suggestions, please send to us as your suggestions are very important to us.

CONTACT US :
RECENT POSTS :

This section has a detailed solution for all SCERT UTADAR PRADESH textbooks of class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7 and class 8, along with PDFs of all primary and junior textbooks of classes . Free downloads and materials related to various competitive exams are available.

error: Content is protected !!