न्यायपालिका : न्याय प्रदान करना कक्षा 7 नागरिक शास्त्र पाठ 4

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न्यायपालिका-न्याय प्रदान करना

Exercise ( अभ्यास )

1- निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
प्रश्न क. एफ आई आर. कहां और कब दर्ज किया जाता है ?

उत्तर – थाने में एफ आई आर कोई भी दर्ज करा सकता है, पढ़ा लिखा हो तो स्वयं लिखकर और हस्ताक्षर करके एफ आई आर दिया जा सकता है | मौखिक बताने पर थानेदार लिख लेता है और पढ़ कर सुनाता है | एफ आई आर में अपराध का ब्यौरा अपराधी का नाम जगह का किसी भी किसी भी प्रकार का जुर्म या अपराध करने पर एफ आई आर दर्ज कराया जाता है |

प्रश्न ख़. गिरफ्तारी और सजा में क्या अंतर होता है ?

उत्तर – गिरफ्तारी – पुलिस किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करती है ताकि उससे पूछताछ कर सके और वह व्यक्ति अपने खिलाफ सबूतों को नष्ट ना कर सके तथा वह दूसरे कोई अपराध न कर सके | गिरफ्तारी शक के आधार पर किया जाता है |
सजा – पुलिस थाने में किसी को भी अपना जुर्म कबूल करने की जबरदस्ती नहीं की जा सकती | कोई थाने में कोई अपना जुर्म कबूल कर भी लेता है तो उसके आधार पर उसे सजा नहीं हो सकती | पुलिस किसी को भी सजा नहीं दे सकती | कचहरी में सारे मामले की सुनवाई होने के बाद मजिस्ट्रेट ही सजा सुना सकता है |

प्रश्न ग. जमानत किस प्रकार दी जाती है ?

उत्तर- जमानत – कोई भी व्यक्ति जिसके पास जमीन जायदाद हो और किसी की जिम्मेदारी ले सकता है | जमानत हो जाने पर उसे घर जाने दिया जाएगा | अगर उसके पास ही कुछ जमीन जायदाद है तो वह स्वयं बांड भर सकता है l

प्रश्न – घ. फौजदारी और दीवानी मामलों में क्या अंतर है l

उत्तर- फौजदारी – किसी से मारपीट करना, चोरी डकैती करना फौजदारी मामला होता है अर्थात. ऐसा अपराध जो मारपीट से संबंधित है, चोरी-डकैती, मिलावट करना, रिश्वत लेना, खतरनाक दबाव बनाना, यह सब फौजदारी मामले हैं l

दीवानी मामले – फौजदारी मामलों में जुर्म साबित होने पर जेल जाने की सजा मिलती है जबकि जमीन जायदाद के मामलों में जेल की सजा नहीं होती यह दीवानी मामले होते हैं जैसे – जब भी कोई जायदाद झगड़े या मजदूर मालिक के बीच मजदूरी के झगड़े किसी के बीच पैसे के लेनदेन या व्यापार आदि के झगड़े होते हैं तो दीवानी मामले दर्ज कराए जाते हैं l

प्रश्न ङ हमारे लिए न्यायपालिका क्यों महत्वपूर्ण है ?

उत्तर – न्यायपालिका – भारत में न्यायपालिका का बड़ा महत्व है | न्यायपालिका की प्रमुख भूमिका यह है कि कानून के शासन की रक्षा और कानून की सर्वोच्चता को सुनिश्चित करें | न्यायपालिका व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा करती है विवादों को कानून के अनुसार हल करती है |

प्रश्न – च. न्यायपालिका की संरचना का वर्णन कीजिए |

उत्तर- भारत में न्यायपालिका का बड़ा महत्व है | यह कार्यपालिका, व्यवस्थापिका से बिल्कुल अलग है तथा स्वतंत्र रूप से कार्य करती हैं | भारत में नीचे से लेकर ऊपर तक सभी न्यायालय एक ही व्यवस्था में संगठित है | जिला न्यायालय उसके ऊपर राज्य के उच्च न्यायालय तथा सबसे ऊपर भारत का ( उच्चतम ) सर्वोच्च न्यायालय होता है l

प्रश्न – छ. लोक अदालत में किस प्रकार के मुकदमे सुलझाए जाते हैं ?

उत्तर- हमारे देश में मुकदमों की संख्या निरंतर बढ़ रही है | इसी कारण नियमित न्यायालय पर कार्य का भाव बहुत बढ़ गया है | इससे मुकदमे के निपटारे में देर होती है तथा पैरवी में धन भी खर्च होता है | इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर लोक अदालत की स्थापना की गई है | समय- समय पर क्षेत्र / जिले स्तर पर लोक अदालतें लगाई जाती है | लोक अदालत ने शांतिपूर्ण ढंग से दो पक्षों के मध्य समझौता कराकर विवादों को सुलझाने में बहुत सफलता पाई है |

प्रश्न- ज. उपभोक्ता अदालत किसे कहते हैं ?

उत्तर – जब कोई व्यक्ति सामान बेचते वक्त ग्राहक को ऐसी वस्तु बेचता है जिसकी गुणवत्ता में किसी प्रकार की कमी हो या उस वस्तु के दाम में हेर -फेर किया गया हो तो इससे उपभोक्ता ( ग्राहक) के अधिकार का हनन होता है | वस्त्र की गुणवत्ता में कमी कभी-कभी हास्य दुर्घटना का रूप ले लेती है | ऐसी परिस्थिति से उपभोक्ता को संरक्षण मिले इसलिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत भारतीय उपभोक्ता को संरक्षण दिया जाता है | उपभोक्ता कोर्ट में ग्राहक की शिकायत सही होने पर ग्राहक (उपभोक्ता) अपने साथ हुई परेशानियों के लिए दुकानदार या कंपनी पर मुआवजे का दावा कर सकता है | ऐसी स्थिति में कोर्ट द्वारा लगाए जुर्माने का भुगतान दुकानदार को करना पड़ता है l

प्रश्न- झ. परिवार न्यायालय की स्थापना क्यों की गई ?

उत्तर – परिवार न्यायालय अधिनियम 1984 के तहत विभिन्न राज्यों में परिवार न्यायालय का गठन हुआ न्यायालय का मुख्य कार्य विवाह संबंधित मामलों, नाबालिक बच्चों की संरक्षा से संबंधित है l

प्रश्न – जनहित याचिका से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- जनहित याचिका – न्याय पाने की प्रक्रिया में काफी पैसा और कागजी कार्रवाई की जरूरत पड़ती है | जनहित याचिका अन्य याचिकाओं से भिन्न है, इस प्रकार कि आज का पोस्टकार्ड पर साधारण आवेदन पत्र लिखकर भी की जा सकती है | इसी बात को ध्यान में रखते हुए 1980 के दशक में सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका की व्यवस्था लागू की इसके अंतर्गत यदि किसी व्यक्ति( व्यक्तियों के समूह )के अधिकार का हनन हो तो कोई अन्य व्यक्ति या संस्था उसके हित के लिए उच्च न्यायालय या सीधे सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमा दर्ज करा सकता है l

2- रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

क. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश — 62 — वर्ष की आयु तक ही कार्य कर सकता है
ख. जिला न्यायाधीश की नियुक्ति उस राज्य के — राज्यपाल — द्वारा की जाती है l
ग. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत हर भारतीय– उपभोक्ता— को संरक्षण दिया जाएगा
घ. मारपीट के मामले — फौजीदारी — मुकदमे कहलाते हैं

3- सही मिलान करिए –

  • जमीन जायदाद के मामले —– दीवानी मुकदमे
  • जनपद स्तरीय न्यायपालिका —- ———–सेशन्स कोर्ट
  • राज्य स्तरीय न्यायपालिका —- उच्च न्यायालय
  • केंद्र स्तरीय न्यायपालिका —- उच्चतम न्यायालय
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