प्रदेश की बेसिक शिक्षा में अमूल-चूल परिवर्तन लाने हेतु मिशन प्रेरणा कार्यक्रम चलाया जा रहा है | इस कार्यक्रम के तहत परिषदीय विद्यालयों की दशा एवं दिशा में व्यापक सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है | सबसे पहले ऑपरेशन कायाकल्प के तहत विद्यालयों को सुन्दर एवं आकर्षक बनाया गया | उसके पश्चात शैक्षणिक सुधार हेतु अनेक सामग्रियां उपलब्ध कराई जा रही हैं | विद्यालय संचालन हेतु समय और कार्य निर्धारण भी किया गया है | इस पोस्ट में हम जानेंगे कि टाइम एंड मोशन स्टडी क्या है और इसकी संतुति के आधार पर शासनादेश में शैक्षणिक कार्य हेतु कौन-कौन से परिवर्तन किये गए हैं |
टाइम एंड मोशन स्टडी
परिषदीय विद्यालयों में वर्तमान में प्रचलित कार्यों के सम्बन्ध में राज्य परियोजना उत्तर प्रदेश द्वारा एक सर्वे कराया गया | इसे टाइम एण्ड मोशन स्टडी के नाम से जाना जाता है | जिससे प्राप्त आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने हेतु विद्यालय संचालन एवं शैक्षणिक कार्यों के लिए नए नियम बनाए गए हैं | जिसके अनुपालन हेतु एक विस्तृत शासनादेश 14 अगस्त 2020 को जारी किया गया है | जो बिन्दुवार निम्नलिखित हैं –
विद्यालय अवधि का निर्धारण
बेसिक शिक्षा परिषद् द्वारा संचालित परिषदीय विद्यालयों और मान्यता प्राप्त विद्यालयों के लिए विद्यालय संचालन एवं शिक्षण कार्य के लिए समय निर्धारित किया गया है |
- 01 अप्रैल से 30 सितम्बर तक : प्रातः 8:00 बजे से अपरान्ह 2:00 बजे ( प्रार्थना सभा / योगाभ्यास प्रातः 8:00 से 8:15 बजे )
- 01 अक्टूबर से 31 मार्च तक : प्रातः 9:00 बजे से अपरान्ह 3:00 बजे ( प्रार्थना सभा / योगाभ्यास प्रातः 9:00 से 9:15 बजे )
शिक्षकों को शिक्षण अवधि से 15 मिनट पूर्व एवं शिक्षण अवधि के पश्चात न्यूनतम 30 मिनट विद्यालय में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है |
समय सारणी में परिवर्तन
समय सारणी में मुख्य परिवर्तन करते हुए प्रत्येक कालांश अवधि को 40 मिनट निर्धारित किया गया है | इस अवधि में शिक्षक कक्षा में अपने विषय से जुड़ाव के लिए सकारात्मक वातावरण का निर्माण करेंगे | तत्पश्चात पिछले दिनों पढ़ाए गए पाठ की पुनरावृत्ति करते हुए गतिविधि आधारित शिक्षण कार्य करेंगे |
शिक्षण दिवस निर्धारित
शैक्षिक सत्र में न्यूनतम 240 शिक्षण दिवस का संचालन अनिवार्य किया गया है |
सार्वजनिक अवकाश तालिका
सचिव, उ०प्र० बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज द्वारा जारी अवकाश तालिका से इतर कोई भी अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा | स्थानीय अवकाश स्वीकृत करने का अधिकार केवल जिलाधिकारी के पास ही होगा | अन्य किसी भी प्रकार का अवकाश अनुमन्य नहीं होगा |
ग्रीष्मावकाश एवं शीतकालीन अवकाश
उ०प्र० बेसिक शिक्षा परिषद् द्वारा संचालित विद्यालयों / मान्यता प्राप्त विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2021-22 से निम्नवत अवकाश निर्धारित किए गए हैं –
- शीतकालीन अवकाश दिनांक 31 दिसंबर से 14 जनवरी
- ग्रीष्मकालीन अवकाश दिनांक 20 मई से 15 जून
- ग्रीष्मावकाश के पश्चात सत्रारम्भ 16 जून से
पंजिकाओं का रखरखाव
विद्यालयों में प्रचलित 40 पंजिकाओं के स्थान पर अब केवल 14 पंजिकायें ही उपयोग में लाई जायेंगी | जो निम्नवत हैं –
- शिक्षक डायरी
- उपस्थिति पंजिका
- प्रवेश पंजिका
- कक्षावार छात्र उपस्थिति पंजिका
- MDM पंजिका
- समेकित निःशुल्क सामग्री वितरण पंजिका
- स्टॉक पंजिका
- आय-व्ययक पंजिका
- चेक इश्यू पंजिका ( बजटवार )
- बैठक पंजिका
- निरीक्षण पंजिका
- पत्र व्यवहार पंजिका
- बाल गणना पंजिका
- पुस्तकालय एवं खेलकूद पंजिका
पूर्व की सभी पंजिकायें अभिलेख के रूप में संरक्षित रखी जायेंगी |
विद्यालय अवधि में शिक्षक क्या करें
- दीक्षा प्लेटफार्म की सहायता से टीचिंग प्लान बनाते हुए प्रभावी शिक्षण
- शिक्षण-संग्रह आधारित प्रातःकालीन एवं सांध्यकालीन सभाएं
- दैनिक सभा के दौरान नैतिक मूल्यों के विकास हेतु कार्यक्रम
- बच्चों को योग के लिए अभिप्रेरित करें
- स्पोर्ट्स एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग समय-सारणी के अनुसार
- शिक्षक डायरी नियमित भरना
- बच्चों की अपेक्षित लर्निंग आउटकम की उपलब्धि को प्रेरणा तालिका में अंकित करना
- बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन का समय 01 अप्रैल से 30 सितम्बर तक पूर्वान्ह 10:15 से 10:45 बजे, एवं 01 अक्टूबर से 31 मार्च तक पूर्वान्ह 11:55 से 12:25 बजे
- प्रतिदिन गृहकार्य दें और अगले दिवस गृह कार्य का आंकलन करें
- बच्चों को संवैधानिक मूल्यों से अवगत कराना
- बच्चों को समाचार पत्र, पत्रिकाएं पढ़ने के लिए प्रेरित करना
- SMC और अभिभावकों के साथ समन्वय रखकर विद्यालयी गतिविधियों में उनकी प्रतिभागिता बढ़ाना
शिक्षण अवधि में शिक्षक क्या न करें
शिक्षण अवधि में शिक्षक किसी भी कार्य के लिए विद्यालय परिसर से बाहर नहीं जायेंगे | शिक्षण अवधि में किसी भी कार्य के लिए विभागीय कार्यालय जाना प्रतिबंधित होगा |
मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रणाली द्वारा ही अवकाश हेतु आवेदन किया जाएगा | अन्य अधिष्ठान संबंधी समस्याओं के निवारण हेतु टोल फ्री नंबर 18004190102 पर अपनी समस्याएँ इंगित करेंगे |
प्रतिदिन शिक्षण अवधि से 15 मिनट पूर्व एवं शिक्षण अवधि के पश्चात 30 मिनट रहकर समस्त अभिलेख अद्यतन किए जायेंगे | अगले दिन की शिक्षण- रूपरेखा निर्मित करेंगे | समय सारणी का शत-प्रतिशत अनुपालन करेंगे |
प्रथम कालांश में ध्यानाकर्षण मॉड्यूल आधारित उपचारात्मक शिक्षण करेंगे | शिक्षकों के मध्य कक्षा विभाजन एवं कार्य विभाजन प्राधानाध्यापक द्वारा किया जाएगा | कक्षा शिक्षण में आधारशिला, ध्यानाकर्षण और शिक्षण संग्रह में दी गई तकनीकियों एवं क्लासरूम प्रैक्टिसेज को प्रयोग में लाया जाएगा |
प्रत्येक 2 सप्ताह में यूनिट असेसमेंट टेस्ट एवं आवश्यकता के अनुसार शिक्षण | प्रत्येक विद्यालय में समृद्ध, व्यवस्थित एवं सक्रिय पुस्तकालय का संचालन | विद्यालय में सहायक पुस्तक और कुंजी/गाइड के प्रयोग पर रोक होगी |
अनुश्रवण की व्यवस्था
डायट मेंटर, एस.आर.जी. एवं ए.आर.पी. अकादमिक अनुश्रवण करेंगे एवं प्राप्त फीडबैक का विश्लेषण करते हुए विद्यालय प्रमुख और शिक्षकों को सकारात्मक सुझाव देंगे | प्रत्येक माह डायट मेंटर द्वारा 10 विद्यालय, एस.आर.जी. द्वारा 20 विद्यालय और ए. आर. पी द्वारा 30 विद्यालयों का सपोर्टिव सुपरविजन किया जाएगा |
प्राशासनिक अनुश्रवण जनपद स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा | जिला प्रशासन, जिला बेसिक शिक्षा एवं खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा अध्यापकों को कार्यालयी कार्य हेतु किसी भी दशा में सम्बद्ध नहीं किया जाएगा और न ही विद्यालय अवधि में विकासखण्ड अथवा जनपद कार्यालय में बुलाया जाएगा |
शिक्षकों के प्रशिक्षण या तो ऑनलाइन होंगे या फिर शिक्षण अवधि के पश्चात आयोजित किए जायेंगे | प्रत्येक माह के चतुर्थ शनिवार ( अवकाश की स्थिति में अगला कार्य दिवस ) को विकासखंड स्तर पर निर्धारित एजेंडे पर प्रधानाध्यापकों की 2 घंटे की बैठक आयोजित होगी | यह बैठक शिक्षण अवधि के पश्चात होगी |
शिक्षकों को देय समस्त प्रकार के अवकाश ऑनलाइन ही स्वीकृत किये जायेंगे | विद्यालय अवधि में विभाग से सम्बंधित हाउस होल्ड सर्वे नहीं कराया जाएगा |
टाइम एंड मोशन स्टडी शासनादेश pdf डाउनलोड
विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए शासनादेश पीडीऍफ़ डाउनलोड करें |
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